Thursday, 26 October 2017

नारी की पीड़ा

नारी की पीड़ा समझने के लिये ,
स्वयं नारी बनना पड़ता है ।

भगवती लक्ष्मी को भी सीता बन कर ,
धरती पर उतरना पड़ता है ।

दो साल की नव विवाहिता को वनवास,
जँगल में भटकना पड़ता है ।

भगवान श्रीराम की पत्नी होने पर भी ,
राक्षस के घर रहना पड़ता है ।

सती साध्वियों को भी इस धरती पर ,
अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है ।

हर परीक्षा, गवाह , सबूतों के बाद भी ,
घर से निकलना पड़ता है ।

और फिर , फटती है छाती नारी की जब ,
धरती को भी फटना पड़ता है ।

नारी की पीड़ा समझने के लिये ,
स्वयं नारी बनना पड़ता है ।

(डॉ नूपुर तलवार को अपनी ही बेटी 'आरुषि' की हत्या के आरोप में पहले दंडित , 52 माह जेल एवं समाजिक अपमान की पीड़ा के सहन कर लेने के बाद "निर्दोष" करार दिये जाने एवं बरी किये जाने पर उस निर्दोष पीड़ित नारी को समर्पित पँक्तियाँ )

संदीप मुरारका
दिनांक 26. 10.2017 गुरुवार
कार्तिक शुक्ला षष्ठी विक्रम संवत् 2074

Monday, 2 October 2017

हिंदू धर्म और भारत


आओ प्रारंभ करें वार्ता , इस देश के पुरातन धर्म की ,
आओ प्रारंभ करें यात्रा , भारतवर्ष के हर राज्य की ।

उतराखंड , ओडिशा , तमिलनाडु और गुजरात ,
करें भ्रमण जो , हो उसे चारों धाम के दर्शन प्राप्त ।

झारखंड , महाराष्ट्र, आँध्रा , उत्तर औ मध्य प्रदेश,
द्वादश ज्योर्तिलिंग हैं बसे भिन्न भिन्न आठ प्रदेश ।

माँ के शक्तिपीठ बने हैं काश्मीर की घाटी में ,
त्रिपुरा , बंगाल, पंजाब, हिमाचल की वादी में ।

असम में , हरियाणा में , राजस्थान में , बिहार में ,
मेघालय व शंकराचार्य स्थापित पीठ कर्नाटक में ।

केरल में चलता पद्मनाभस्वामी भगवान विष्णु का राज ,
देवपानी देवी नागालैंड में, मणिपुर गोविंद जी का प्रान्त ।

छतीसगढ़ में विराजती माँ अम्बिका महामाया गौरी ,
हर राज्य की सीमा को बांधती धर्म की अटूट डोरी ।

सिक्किम, मिजोरम, अरुणाचल, गोवा या तेलंगान ,
सभी उनतीस राज्यों में फैला हिंदू धर्म का यशोगान ।

संदीप मुरारका
दिनांक 2 अक्टूबर'17 सोमवार
आश्विन शुक्ला द्वादशी विक्रम संवत् 2074