Sunday, 29 July 2018

आओ मृत्यु

आओ मृत्यु , आओ मृत्यु ,
वरण करूँ तुम्हारा ।

श्वेत चादर तुम लेते आना ,
देह को खूब सजाना ।

मिली कब्र यदि मुझको , आह !
उस ज़मी पर मेरा राज होगा ।

जला दिया गया यदि मैं ,
तो नदियों मेंं मेरा संसार होगा ।

मिलेगा ना कोई आशिक ,
तुमको मुझ जैसा ।

आओ तुम भी मुझको वरण करो ,
करना है कल जो वो आज करो ।

मिलकर उनसे कहना है -
निवेदन यह स्वीकार हो -

हर जगह विलम्ब परमात्मा ,
ये न्याय सही नहीं ।

जिस जन्म के हों अपराध ,
उसी जन्म मेंं सजा हो ।

जिस जन्म मेंं हों कर्म अच्छे ,
वह जन्म सफल हों ।

पूर्वजन्म की पोथी के आधार पर ,
ना चलाओ दुनिया ।

स्वयं पर शक होने लगता है ।
बेवजह आप पर भी ......।

सो अब इंतजार ना कराओ ,
आओ मृत्यु , आओ मृत्यु ।

वरण करूँ तुम्हारा,
आओ मृत्यु , आओ मृत्यु ॥

29/7/2018

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