Friday, 22 November 2019

रात्रि जागरण

माना कि मैं भक्त तेरा इतना अच्छा नहीं । 
माना कि मैँ तेरे जगराते मेंं आता नहीं । 
माना कि मैँ भजनों पे तेरे झूम जाता नहीं । 
माना कि मैँ इतर लगाता नहीं । 
माना कि मैँ कुर्ते से ख़ुद को सजाता नहीं । 
माना कि मैँ फूल का श्रृंगार करवाता नहीं । 
माना कि मैं हर माह तेरे द्वारे आता नहीं । 
माना कि मैँ मेरे द्वारे तेरा नाम खुदवाता नहीं । 
माना कि मैँ जगराते का पकवान खाने जाता नहीं । 

पर याद रखना इतना ए श्याम प्यारे , 
तुझको दिल मेंं बसा रखा है । 
हे नाथ, भूल ना जाऊँ तुझको , 
इसलिए साँसों को तेरा नाम रटा रखा है ।

संदीप मुरारका 
21 नवम्बर 2019 गुरुवार