Sunday, 12 October 2025

कुरु वंशावली में बर्बरीक

कुरु वंशावली में बर्बरीक
(महाभारत के अनुसार)

1. भरत
भरत चक्रवर्ती प्राचीन भारत के सम्राट थे, जिनके नाम पर इस भूभाग को भारतवर्ष कहा गया। भरत से कई पीढ़ियों के उपरांत कुरु का जन्म हुआ।

भरत → कई पीढ़ियाँ → कुरु


2. कुरु
कुरु वंश के संस्थापक, जिनके नाम पर कुरुक्षेत्र की भूमि प्रसिद्ध हुई।


3. राजा प्रतीप
कुरु वंश के प्रतापी राजा, जिनके तीन पुत्र थे -

• देवापि - ज्येष्ठ पुत्र, जिन्होंने सन्यास ले लिया।

• बाल्हीक - दूसरे पुत्र, जो बाल्हिका राज्य (आधुनिक बल्ख, अफगानिस्तान क्षेत्र) के शासक बने।

• शांतनु - तृतीय पुत्र, जिन्होंने हस्तिनापुर का राजसिंहासन संभाला।


4. राजा शांतनु

प्रथम पत्नी गंगा से पुत्र :

• देवव्रत (भीष्म पितामह), जिन्होंने आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत लिया।

द्वितीय पत्नी सत्यवती से दो पुत्र :

• चित्रांगद - कम आयु में निधन

• विचित्रवीर्य – हस्तिनापुर के राजा बने, परंतु अल्पायु में निधन। इनकी दो पत्नियाँ थीं अंबिका और अंबालिका


5. विचित्रवीर्य के निधन के पश्चात् नियोग प्रथा से संतानोत्पत्ति

• अंबिका से पुत्र:  धृतराष्ट्र (जन्म से नेत्रहीन)

• अंबालिका से पुत्र : पांडु (पीतवर्ण, श्रापग्रस्त)

• दासी से पुत्र : विदुर (महाज्ञानी, धर्मराज यम का अंशावतार माने जाते हैं)


6 (i). धृतराष्ट्र

पत्नी गांधारी से 100 पुत्र (कौरव) और 1 पुत्री (दुशला)


6 (ii). पांडु (हस्तिनापुर के राजा)

पांडु शापग्रस्त थे, अतः संतानोत्पत्ति असंभव

ऋषि दुर्वासा से मिले वरदान द्वारा देवताओं का आह्वान कर पुत्र प्राप्ति की गई।

पत्नी कुंती :
• युधिष्ठिर (धर्मराज के आह्वान से)

• भीम (वायु देव के आह्वान से)

• अर्जुन (इंद्र देव के आह्वान से)


पत्नी माद्री :
• नकुल व सहदेव (अश्विनीकुमारों के आह्वान से)

यही पाँचों भाई पांडव कहलाए।


7. भीम और घटोत्कच

द्वितीय पांडव भीम का विवाह वनवासी स्त्री हिडिंबा से हुआ। उनसे उत्पन्न पुत्र:

• घटोत्कच – अपराजेय योद्धा, जो महाभारत युद्ध में कर्ण के वज्रास्त्र से वीरगति को प्राप्त हुआ।


8. घटोत्कच की संतान

घटोत्कच का विवाह मोरवी (असम की राजकुमारी) से हुआ। उनसे उत्पन्न तीन पुत्र:

• बर्बरीक (श्याम बाबा) - तीन बाणों के स्वामी, शीशदान के लिए प्रसिद्ध।

• अंजनपर्व - वीर योद्धा, महाभारत युद्ध के चौदहवें दिवस अश्वत्थामा द्वारा वध।

• मेघवर्ण - पराक्रमी, महाभारत युद्धोत्तर अश्वमेध यज्ञ में अर्जुन के नेतृत्व में यज्ञ अश्व की रक्षा में देश भ्रमण किया।



9. पांडवों का अन्य विस्तार

अर्जुन एवं द्रौपदी से पुत्र: प्रतिविंध्य

अर्जुन एवं सुभद्रा से पुत्र : अभिमन्यु

10. अभिमन्यु एवं उत्तरा से पुत्र : परीक्षित
महाभारत युद्ध के बाद कुरु वंश का उत्तराधिकारी


इस प्रकार वंशावली भरत → कुरु → प्रतीप → शांतनु → धृतराष्ट्र-पांडु-विदुर → कौरव-पांडव → घटोत्कच-बर्बरीक
→ अभिमन्यु → परीक्षित तक चलती है।

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