मन के हारे हार सदा रे, मन के जीते जीत,
मत निराश हो यों, तू उठ, ओ मेरे मन के मीत ॥ - कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी जी की इन पंक्तियो को यदि कोई जीवन का मंत्र बना ले , तॊ उसकी सफलता को कोई रोक नहीं सकता ।
मन कें हारे हार है , मन के जीते जीत । इस विषय को ठीक से समझने से लिए ज्यादा कुछ नहीं अपने आस पास की या इतिहास की कुछेक घटनाओ को देख लेना काफी होगा । जैसे कि
आज से 22 साल पहले वर्ष 1997 में पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहार वाजपेयी जी ने संसद में कहा था- “मेरी बात को गांठ बांध लें, आज हमारे कम सदस्य होने पर आप कांग्रेसी हम पर हंस रहे हैं लेकिन वो दिन आएगा जब पूरे भारत में हमारी सरकार होगी, उस दिन देश आप पर हंसेगा और आपका मजाक उड़ायेगा।”
आज वर्ष 2019 मेंं माननीय अटल जी की बात सत्य हो गई । क्यों हुईं ? इसलिए कि भाजपा मतों से भले हार गई थी , पर मन से नहीं हारी थी ।
अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति थे अब्राहम लिंकन । वह एक ऐसे राष्ट्रपति थे जो व्हाइट हाउस पहुंचने से पहले आधा दर्जन चुनाव हार चुके थे, उन्हें एक बार दिवालिया तक घोषित किया जा चुका था। किन्तु वे मन से नहीं हारे थे औऱ इसी मन की जीत ने उन्हें अमेरीका का राष्ट्रपति बना दिया ।
बिजली के बल्ब के आविष्कार करने में एडिसन को कड़ी मेहनत करनी पड़ी. एडिसन बल्ब बनाने में 10 हजार बार से अधिक बार असफल हुए. किन्तु मन से नहीं हारे । अंततः उनकी जीत हुईं , जिसपर उन्होंने कहा 'मैं कभी नाकाम नहीं हुआ बल्कि मैंने 10,000 ऐसे रास्ते निकाले लिए जो मेरे काम नहीं आ सके' ।
इस कड़ी मेंं एक महत्वपूर्ण नाम है अरुणिमा सिन्हा , जिन्हें अपराधियों द्वारा चलती ट्रेन से फेंक दिए गया । उनका एक पैर काटना पड़ा । उसके बावजूद अरूणिमा ने गजब के जीवट का परिचय देते हुए 21 मई 2013 को दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह कर लिया । क्योंकि पाँव कटने कें बाढ़ भी अरुणिमा मन से नहीं हारी ।
दोस्तों ऐसे हजारों उदाहरण आपको अपने आस पास या स्वयं खुद के भीतर मिलेंगे , जब यदि आपने किसी विषय मेंं हार कर हथियार डाल दिया तॊ विफल कहलाओगे । किन्तु यदि आप अपने मन को जीत लीजिए , बार बार प्रयास कीजिए , सफलता तॊ हाथ लगेगी ही , इतिहास मेंं भी आपका नाम अंकित होगा ।
क्योंकि
दिशा दिशा बनती अनुकूल, भले कितनी विपरीत।
मन के हारे हार है , मन के जीते जीत ॥
लहर लहर से उठता हर क्षण जीवन का संगीत
मन के हारे हार है , मन के जीते जीत ॥
संदीप मुरारका
6 अगस्त 2019
श्रावण षष्ठी शुक्ला २०७६
No comments:
Post a Comment