Monday, 29 March 2021

राजस्थान दिवस 2021 पर विशेष आर्टिकल

रायबहादुर बद्रीदास गोयनका -
भारत के सबसे बड़े और पुराने बैक - स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया में चेयरमैन वर्ष 1933 से1957 तक चेयरमैन रहे



पद्मश्री लाला मुल्क राज सराफ -
जम्मू कश्मीर की पत्रकारिता के जनक (Father of Journalism in Jammu & Kashmir) कहे जाने वाले मुल्क राज सराफ साहित्यिक जगत की एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्होंने उर्दू, डोगरी और अंग्रेजी भाषा में अविस्मरणीय कार्य किए। उन्होनें वर्ष1924 में जम्मू कश्मीर के पहले उर्दू दैनिक "रणवीर" का प्रकाशन प्रारंभ किया।





पद्मश्री प्रेमलता अग्रवाल -
जिन्होंने विश्व के सातों महाद्वीपों के सर्वोच्च शिखरों पर तिरंगा लहराया और "सेवन सम्मिट पर्वतारोहण अभियान" फतह किया। विश्व के सातों महाद्वीप के सबसे ऊँचे पहाड़ों के शिखर को छूने के अभियान को "सेवन सम्मिट" कहा जाता है।

पद्मभूषण गंगा प्रसाद बिड़ला -

भारत में इंजीनियरों का निर्माण करने वाली इकाई बीआईटी (बिड़ला इन्स्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी), मेसरा, राँची की स्थापना करने वाले गंगा प्रसाद बिड़ला ओरिएण्ट पेपर एण्ड इंडस्ट्रीज, हिन्दुस्तान मोटर्स, हैदराबाद इंडस्ट्रीज लिमिटेड जैसे कई सफल उद्योगों के चेयरमैन रहे ।

पद्मभूषण केशव प्रसाद गोयनका -

टायर, इन्फॉर्मेशन, टेक्नोलॉजी, फार्मास्यूटिकल, एनर्जी, प्लांटेशन के क्षेत्र में सक्रिय आरपीजी समूह का विस्तारीकरण करने वाले सफलतम उद्योगपति एवं समाजसेवी




पद्मश्री कन्हैयालाल सेठिया -
आ तो सुरगां नै सरमावै, ईं पर देव रमण नै आवै,
ईं रो जस नर नारी गावै,धरती धोरां री !" - इस अमरगीत की रचना करने वाले कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे।




पद्मश्री हर्षवर्धन नेवटिया -
हॉस्पिटलिटी, हाउसिंग, रियल एस्टेट, हेल्थकेयर, एजुकेशन फील्ड्स में सक्रिय देश के विख्यात व्यवसायी हर्षवर्धन नेवटिया "अंबुजा नेवटिया ग्रुप" के चेयरमैन हैं एवं कई अभिनव उपक्रमों के संस्थापक हैं।



पद्मभूषण इंदू जैन  -
देश की सबसे अमीर व सफल महिलाओं में एक अग्रवाल जैन महिला का नाम शुमार है - इंदु जैन, जो भारत के सबसे बड़े मीडिया ग्रुपों में एक "बेनेट कोलमैन एण्ड कंपनी (बीसीसीएल)" की चेयरपर्सन हैं। यह समूह टाइम्स ऑफ इंडिया, द इकोनॉमिक टाइम्स, महाराष्ट्र टाइम्स, नवभारत टाइम्स, मुम्बई मिरर, बैंगलोर टाइम्स जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों का मालिक है।

पद्मभूषण सुरेश कुमार नेवटिया -
गुजरात अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (GACL) की स्थापना करने वाले संघर्षशील उद्यमी सुरेश कुमार नेवटिया वर्ष तक 2009 तक ग्रुप चेयरमैन रहे और जीवनपर्यन्त "चेयरमैन एमेरिटस"

पद्मभूषण डॉ० दिनेश नन्दिनी डालमिया -
अक्षर और शब्द के निर्माण में जुटी दिनेश नन्दिनी के लगभग 12 गद्यगीत संग्रह, 11 काव्य संग्रह, 11 उपन्यास और 3 कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। वे अखिल भारतीय लेखिका संघ  "ऋचा" एवं साहित्यिक पत्रिका "ऋचा" की संस्थापक रही हैं। दिनेश नन्दिनी डालमिया "ऋचा" अपने आप में एक युग थीं, एक परंपरा थीं।

पद्मभूषण हरिशंकर सिंहानिया -
देश के बड़े एवं 100 वर्ष पुराने औद्योगिक घराने जे.के. समूह के चेयरमैन रहे हरिशंकर सिंहानिया ने देश- विदेश में कई औद्योगिक संगठनों का नेतृत्व किया था। वे पंद्रह सालों तक भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ (IIM) के निदेशक मंडल के चेयरमैन रहे एवं फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज (FICCI) के अध्यक्ष रहे।

पद्मभूषण डॉ़० लक्ष्मी मल्ल सिंघवी -
जानेमाने कवि, लेखक, भाषाविद, संविधान विशेषज्ञ और प्रसिद्ध न्यायविद डॉ़० लक्ष्मी मल्ल सिंघवी सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता थे। वे सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष रहे। प्रत्येक वर्ष 9 नवम्बर को उनके जन्मदिवस पर "राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस" ​​मनाया जाता है।

पद्मश्री शोभना भरतिया -
देश के प्रसिद्ध मीडिया हाउस हिंदुस्तान टाइम्स समूह की चेयरपर्सन शोभना भरतिया ने एडिटोरियल डायरेक्टर रहते हुए वर्ष 2005 में एचटी मीडिया के सार्वजनिक इक्विटी लॉन्च के माध्यम से 400 करोड़ की पूँजी जुटाकर मीडिया के क्षेत्र में एक रिकार्ड बनाया।



पद्मश्री शीला झुनझुनवाला -
हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग से ‘साहित्य-रत्न’ एवं प्रयाग महिला विद्यापीठ से ‘विदुषी आनर्स’ शीला झुनझुनवाला।  दैनिक हिन्दुस्तान के शीर्ष पर पहुँच कर पहली महिला संपादक बनने का गौरव प्राप्त किया एवं हिन्दी पत्रकारिता में अनेक आयाम स्थापित किये।


पद्मविभूषण घनश्यामदास बिड़ला -
अपनी उद्यमिता, सत्यता, उच्च कोटि के चरित्र तथा ईमानदारी के लिये विख्यात घनश्यामदास जी उर्फ जी ड़ी बाबू ने अपने पैतृक स्थान पिलानी में भारत के श्रेष्ठ  तकनीकी संस्थान बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (बिआईटी,पिलानी) की स्थापना की। वर्ष 1927 में उन्होंने "इण्डियन चैम्बर ऑफ कामर्स एंड इन्डस्ट्री" (Ficci) की स्थापना की।

पद्मश्री संत नारायणदास जी महाराज-
जयपुर के त्रिवेणी धाम के पीठीधीश्वर संत नारायणदास जी महाराज के मुख पर हमेशा सीता-राम का नाम रहता था। ईश्वर की अनन्य भक्ति, आध्यात्म, सत्संग और समाज की सेवा में जीवन उत्सर्ग करने वाले महाराज जी की याद में त्रिवेणीधाम की ईंट ईंट आज भी आँसू बहाती है।

पद्मश्री डॉ़० सीता राम लालस -
राजस्थानी हिन्दी वृहत कोश के 11 खण्ड हैं, जिनमें 7772 पृष्ठों में लगभग 2 लाख शब्दों का समावेश है और इस महान ग्रन्थ के रचयिता हैं सीता राम लालस। उन्होंने असाध्य परिश्रम से राजस्थानी के प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों, प्रकाशित पुस्तकों, लोक-साहित्य, लोकगीत, बोलचाल की भाषा एवं आधुनिक राजस्थानी के साहित्यिक प्रकाशनों से विपुल शब्दों का संकलन किया है।

पद्मश्री भरत गोयनका, बैंगलूरु -
सॉफ्टवेयर की दुनिया में विख्यात नाम टैली (Tally solutions) के सह संस्थापक एवं वाइस चेयरपर्सन भरत गोयनका को "भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के पिता" के रूप में जाना जाता है। विशेषकर छोटे और मध्यम व्यवसायियों में टैली के साधारण अकाउंटिंग पैकेज काफी लोकप्रिय हैं। भारतीय कारोबारियों के वित्तीय जीवन को सरल बनाने में टैली की भूमिका अतुलनीय है।

पद्मभूषण सीताराम सेकसरिया -
देश की अग्रणी साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था "भारतीय भाषा परिषद" के संस्थापक सीताराम सेकसरिया को विभिन्न साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं शिक्षण संस्थानों की स्थापना का श्रेय जाता है। वे जीवनपर्यंत स्त्री शिक्षा के प्रचार, प्रसार व पुरस्कार के लिए कार्यरत रहे, कोलकत्ता के विख्यात श्री शिक्षायतन कॉलेज की शुरुआत उन्होंने ही की थी।

पद्मविभूषण डॉ० बालकृष्ण गोयल -
डॉ़० बालकृष्ण गोयल का नाम देश के उन गिने चुने लोगों में शुमार है, जिन्हें देश के तीन सर्वोच्च सम्मानों से विभूषित किया गया। वर्ष 2005 में पद्मविभूषण, वर्ष 1990 में पद्मभूषण एवं वर्ष 1984 में पद्मश्री से सम्मानित डॉ़ गोयल बॉम्बे हॉस्पिटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में मानद डीन और चीफ कार्डियोलॉजिस्ट रहे साथ ही 25 वर्षों तक जेजे हॉस्पीटल ग्रांट मेडिकल कॉलेज- मुंबई के कार्डियोलॉजी विभाग में निदेशक-प्रोफेसर रहे।

पद्मभूषण सत्यनारायण गोयनका -
महात्मा बुद्ध द्वारा प्रकाशित साधना विपशना (विपश्यना) का अद्भुत ज्ञान भारत से लगभग 2000 साल पहले विलुप्त हो गया था, उसे पुनः भारत लाने व विश्व विख्यात करने का श्रेय आचार्य सत्यनारायण गोयनका को जाता है। उन्होंने बोरिवली मुम्बई में "ग्लोबल विपाशना पगौड़ा" का निर्माण करवाया, जहाँ 8000 साधक एक साथ बैठकर ध्यान कर
सकते है।

पद्मभूषण राजश्री बिड़ला -
आदित्य बिड़ला समूह के द्वारा की जा रही सीएसआर गतिविधियों के लिए गठित संस्था "आदित्य बिड़ला सेंटर फॉर कम्युनिटी इनिशिएटिव्स एंड रूरल डेवलपमेंट (ABCCIR)" के अध्यक्ष दायित्व का निर्वहन करते हुए राजश्री बिड़ला ने समाजसेवा के कई नए आयाम स्थापित किए हैं।

पद्मभूषण डॉ० विजयपत सिंहानिया -
एडवेंचर एवं स्पोर्ट्स के शौकीन विजयपत सिंहानिया ने
67 वर्ष की आयु में गर्म हवा के गुब्बारे (Hot Air Balloon) में बैठकर 69852 फीट की उड़ान भरी और एक नया वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित किया।


पद्मभूषण राहुल बजाज -
लगभग 100 साल पुराने देश के बड़े औद्योगिक घराने "बजाज समूह" के चेयरमैन राहुल बजाज की ख्याति उनके विशाल नेटवर्थ के कारण नहीं बल्कि उनके विशाल व्यक्तित्व के कारण है। पूर्व राज्यसभा सांसद राहुल बजाज भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) एवं इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष रह चुके हैं।

पद्मश्री रामेश्वर लाल काबरा-
कड़ी प्रतिस्पर्धा के इस युग में लगभग 900 से ज्यादा तरह के इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स का निर्माण करने वाले एवं 850 मिलियन यूएस डॉलर वार्षिक टर्नओवर के साथ विश्व के लगभग 85 देशों में अपनी उपस्थिति दर्ज करने वाले राम रत्ना ग्रुप ऑफ कम्पनीज (आर आर ग्लोबल) के संस्थापक
रामेश्वर लाल काबरा ना केवल उद्योग बल्कि समाजसेवा में भी उतने ही सक्रिय हैं। वन बन्धु परिषद (FTS) के अध्यक्ष पद पर रहते हुए वे संस्था को काफी ऊँचाइयों तक ले गए।

पद्मश्री रामअवतार पोद्दार 'अरुण' -
महाकवि पोद्दार रामावतार 'अरुण' हिदी साहित्य के महान शब्द-शिल्पी और भारतीय संस्कृति के अमर गायक थे। लगभग 45 से ज्यादा मूल्यवान ग्रंथों की रचना करने वाले अरुण जीवनपर्यत लिखते रहे। उन्होनें काव्य की सभी विधाओं पर लिखा- महाकाव्य, खंड काव्य, गीतिकाव्य, आत्मकथा, उन्होंने सबको मूल्य और प्रतिष्ठा दी। उनकी कई कृतियां विश्वविद्यालयीन पाठ्यक्रम में शामिल हैं, जिन पर तीस से अधिक छात्रों ने पीएचडी की है।
पद्मविभूषण जानकीबाई बजाज -
सादगी की प्रतिमूर्ति, गाँधीवादी, खद्दरधारी, स्वतन्त्रता सेनानी, भूदान आंदोलनकारी, गोसेवी, दानी पर स्वयं पर मितव्ययी, पतिव्रता देवी अनसूया स्वरुप जानकी बाई की जीवन गाथा बहुत निश्छल व अनुकरणीय है। उनके देहान्त पर देश के महान उद्योगपति जे० आर० ड़ी० टाटा ने अपने उदगार व्यक्त करते हुए कहा था कि "एक महान गांधीवादी महिला जिन्होंने देश की सेवा में स्वयं को उत्सर्ग कर दिया।"


संदीप मुरारका
जमशेदपुर
9431117507
पुस्तक शिखर को छूते ट्राइबल्स भाग 1 और 2 के लेखक















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