बीत गये वर्ष बहुत सारे
कई आशायें बदली निराशा में
बदला बहुत कुछ
कहीँ रिश्ते बदले तो कहीँ नाते
कोई मित्र दगा दे गया
और कोई हँसने का मौका
बड़े अजीब थे वो कुछ महीने जब
आईना पहचानने से इन्कार करने लगा था
तब कुछ बढे थे कुछ हाथ इस ओर
यादों को सहेजे हुए पार हुआ साल
उम्मीदों को जगाते हुए
नई रोशनी नई किरण लाते हुए
आया फ़िर एक नया साल
लेकर नई सीख , नई मुस्कुराहट
स्वागत पूरे ह्रदय से ए नववर्ष तेरा
अभिनंदन वन्दन स्वीकार करो मेरा ॥
दिनांक 5 जनवरी 2017
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