Saturday, 2 May 2020
पद्मश्री कमला पुजारी
जन्म : 1949
जन्म स्थान : जिला कोरापुट, ओड़िशा
वर्तमान निवास : गांव पटरापुट, जेयपोर से 15 किमी, बोईपारीगुड़ा के समीप, जिला कोरापुट, ओड़िशा
जीवन परिचय - ओडिशा के कोरापुट जिले के एक छोटे से गांव में ट्राइबल परिवार में जन्मी कमला पुजारी बचपन से ही खेतों की मिट्टी और बीजों के साथ खेलती हुई बड़ी हुई । इनोवेशन या एक्सप्रिमेण्ट्स केवल इंडस्ट्रीज में ही नहीँ होते, एक गरीब किसान का बच्चा अपने खेतॉ में भी कई नए प्रयोग करता है, कुछ वैसा ही था कमला का बचपन । कमला का परिवार पारम्परिक खेती से जुड़ा हुआ था, वही वर्षा के जल पर निर्भरता, वही रासायनिक खाद, वही सरकारी बीज , किन्तु कमला इन परम्परागत पद्धतियों को छोड़ने हेतू ओडिशा के जेयपोर में एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन से जुड़ गई, वहाँ उन्होने बुनियादी खेती की तकनीक सीखी। अनपढ़ होने के बावजूद कमला पुजारी ने धान के विभिन्न किस्म के संरक्षण को लेकर अपनी अलग पहचान बनाई है।
योगदान - एमएस स्वामीनाथन रिसर्च फाउंडेशन में प्रशिक्षण समाप्त होने के बाद कमला जैविक खेती में जुट गई । कमला स्वयं तो जैविक खेती करती ही थी , साथ ही गांव के अन्य किसानों को भी रासायनिक उर्वरकों का उपयोग बंद करने के लिए प्रोत्साहित करने लगी। जैविक खेती के लिए समर्पित कमला पुजारी ने फाउंडेशन के सहयोग से अपने गांव की कुछ अन्य महिलाओं के साथ मिलकर एक बीज बैंक की स्थापना की ।
कमला और उनकी सहयोगी ग्रामीण महिलाओं ने कुछ समूह बनाए और आस-पास के गांवों में घर-घर जाकर जैविक खेती के बारे में जागरूकता फैलाने लगी । किसानो ने पाया कि रासायनिक खाद का उपयोग छोड़ने पर उनके खेतों की मिट्टी की उर्वरता पहले की अपेक्षा बढ़ने लगी है । नतीजा, कमला के प्रयासों के परिणामस्वरूप पटरापुट एवं आस पास के कई गावों में किसानों ने रासायनिक खाद का इस्तेमाल करना बन्द कर दिया ।
कमला ने लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रकार के 100 से ज्यादा बीज जैसे धान, हल्दी, तिल्ली, काला जीरा, महाकांता, फूला , घेंटिया आदि एकत्र किए हैं। विशेषकर कमला ने धान की वैसी देशी किस्मों का एकत्रण व सरंक्षण किया, जो प्रजातियां विलुप्तप्राय हो गई थी ।
वर्ष 2002 में, कमला जैविक खेती पर आयोजित एक कार्यशाला में भाग लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका के सबसे बड़े शहर जोहान्सबर्ग में गई । जहाँ जैविक खेती के लिए किए जा रहे उनके प्रयासों के लिए दुनिया भर के प्रतिभागियों ने उनकी सराहना की ।
वर्ष 2018 में, मुख्यमंत्री ने 'ओडिशा राज्य योजना बोर्ड' के सदस्य के रूप में कमला को मनोनीत किया । कमला पहली ट्राइबल महिला हैँ, जिन्हें ओड़िशा में यह गौरव प्राप्त हुआ ।
सम्मान - आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत 'कमला पुजारी' को धान के बीज की प्रजातियों के संग्रहण एवं जैविक खेती के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व योगदान के लिए 2019 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया । उन्हें वर्ष 2002 में दक्षिण अफ्रीका में 'इक्वेटर इनिशिएटिव अवार्ड' से सम्मानित किया गया था । उन्हें 2004 में ओडिशा राज्य सरकार द्वारा 'सर्वश्रेष्ठ महिला किसान' का सम्मान प्रदान किया गया । वहीँ नई दिल्ली में इन्हें ' कृषि विशारद सम्मान' से सम्मानित किया गया । 26 मार्च 2017 को ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भुवनेश्वर के ओड़िशा युनिवर्सिटी ऑफ़ एग्रीकल्चर एण्ड टेक्नोलॉजी में 'कमला पुजारी महिला हॉस्टल' का शिलान्यास किया है ।
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