वे गाँधी को नहीँ पढ़ाते , जिन्ना हमें नहीँ सुहाते ।
बँट गयी भले सरहद , क्या इतिहास बदल पाओगे ?
आओ देखें ज़रा , हिन्दुस्तान बसता और कहाँ कहाँ
अपने ही दूसरे घर जाने को विजा माँगा जायेगा यहाँ ।
लेकर चले शिव , शव सती का , अंग गिरे जहाँ जहाँ
बने माँ के मन्दिर , हुये उदित शक्तिपीठ वहाँ वहाँ ।
तो गिरा सिर* जहाँ , चलो माथा वहाँ टिकाना है ?
हींगलाज मंदिर वो बलूचिस्तान का बड़ा पुराना है ।
*ब्रह्मरंध्र
गिरी दाहिनी भुजा , जिस चन्द्रशेखर पर्वत पर है ,
चलो करें दर्शन , वो बंगलादेश का गाँव चट्टल है ।
बंगलादेश के खुलना जिले की टिकट भी बननी है ,
जहाँ यशोरेश्वरी की बायीं हथेली की पूजा करनी है ।
बंगलादेश के शिकारपुर गाँव में माँ सुनंदा की नाक है ,
चलो चलें , बैठे स्वयं शिव जहाँ बनकर त्रम्बयक हैं ।
कराची के निकट गिर पड़ी , सती महिष मर्दिनी की आँखे ,
महालक्ष्मी का गला , बंगलादेश के श्री शेल गाँव मॆं विराजे ।
बंगलादेश के खासी पर्वत पर पूजे जयंति की बायीं जंघा,
मानसरोवर , तिब्ब्त के निकट है दाक्षायनी का हाथ दायाँ ।
महाशिरा के दोनों घुटनों की होती पूजा नित्य सुबह शाम
काठमांडू , नेपाल का गुजयेश्वरी मंदिर है परम शक्ति धाम ।
पोखरा, नेपाल के मुक्तिनाथ का वर्णन करे विष्णु पुराण,
गंडकी चंडी का मस्तक है, इस पवित्र मन्दिर मॆं विद्यमान ।
कट्टरपंथियों के देश मॆं सती की बांयी पायल खूब पूजी जाती ,
तभी तो शेख हसीना, होकर महिला भी सम्मान भरपूर पाती ।
एक पंजाब अपने हिस्से मॆं , एक पंजाब उनके हिस्से मॆं ,
जिसकी राजधानी लाहौर कॊ बसाया श्रीराम पुत्र लव ने ।
लाहौर के किले के आलमगीर दरवाजे का ईशान कोना ,
जहाँ है मंदिर लव का , हैं कई शिवालय और गुरूद्वारा ।
रावी के तट पर बसा पंजाबी भाषा वाला ये बागों का शहर ,
वाल्मीकि और कृष्ण हैं वहाँ , प्रसिद्ध है अनारकली मंदर ।
चकवाल जिले मॆं भोलेनाथ के आंसुओं से बना सरोवर ,
पाकिस्तान का कटासराज़ शिव मंदिर है बड़ा मनोहर ।
सिंध प्रांत में थारपारकर जिले का गौरी मन्दिर है दर्शनीय ,
काला बाग के मरी इंडस मन्दिर की चर्चा भी है उलेखनीय ।
पाक अधिकृत काश्मीर मॆं भी बैठे हैं बाबा भोलेनाथ ,
मनोरा केन्ट मॆं श्रीवरुण देव औ पेशावर मॆं गोरखनाथ ।
जिन्ना रोड कराची मॆं धर्मशाला और स्वामी नारायण मन्दिर ,
सोल्जर बाजार हनुमान की नीली मूरत मॆं लगे हैं पाँच सिर ।
सिंध प्रांत , सुक्कुर के साधु बेला मॆं होता है भव्य भंडारा ,
एल ओ सी नीलम घाटी पर बैठी स्वयं माँ सरस्वती शारदा ।
भेरा , नागरपारकर, रावलपिंडी हो या पंजाब सियालकोट ,
टीला जोगिया, गुजारनवाला , इस्लामाबाद का रावल लेक ।
नेपाल तिब्बत श्रीलंका बंगलादेश हो गये , बँट कर देश अनेक,
हो पाकिस्तान चाहे हो हिन्दुस्तान , है सबका इतिहास एक ।
दिनांक 18.10.2016 मंगलवार
संदीप मुरारका
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