कहते हैं युग परिवर्तन का समय आ रहा
ज़्योतिष भारत कॊ विश्व गुरू बतला रहा !
नाप रही है जनता अपने कर्णधार के सीने कॊ
खोज रहे लोग इनमें गौतम और विवेकानंद कॊ !
पर कैसे कर पायेंगे पूर्ण विश्व विजय अभियान ,
ना जाने कब हटेगा काश्मीर से केन्द्रित ध्यान !
जिसे देखो वही भड़काने बैठा है
चिंता नहीं किसी कॊ मीरवायज
यासीन मलिक या गिलानी की ,
बस केजरीवाल से ख़ार खाये बैठा है ।।
ना तो खेत चरा अरविन्द ने हमारा ,
ना ही हमें लाहौर मॆं चने उगाने हैं ।
तो क्यों लड़ रहे हैं बेवजह हम ,
संदेश ये सकरात्मक पहुँचाना है -
रोक लो बर्बादी अब दोनों ओर से
हे अवनीपति , तीरों कॊ तरकश मॆं रहने दो,
ज़रूरत नहीं सीमा पर अभी दीवारों की
झौपडे पहले दोनों मुल्कों मॆं बन जाने दो ॥
हे नृपति, घटा दो बजट सेना का
अब ना नये हथियार खरीद करो
अगले साल दो साल केवल केवल
खेतों और नदियों की बात करो !
बचे समय यदि तो
बिजली पानी मॆं ध्यान धरो
सड़क नाली के कई काम
भी करने अभी बाकी हैं ,
हो दोनों मुल्क का हर बच्चा शिक्षित
करो व्यवस्था बीमारों का इलाज की ,
कैसे मिटे बेरोज़गारी दोनों मुल्कों से
हे भूपति , ऐसा कुछ नया विचार करो ।
जंग जितने से हासिल कुछ होना नहीं
जितना है जग, तो कुछ ऐसा काम करो
हे नरेश , करो तुम एक अश्वमेध यज्ञ
अखण्ड भारत की कल्पना कॊ साकार करो
श्रीलंका बर्मा भूटान नेपाल हिन्दुस्तान
मालदीव बंगलादेश म्यांमार पाकिस्तान
मिलकर सभी करें गठन एक सयुंक्त सेना
हो एक वीजा और एक मुद्रा मॆं लेना देना ।।
आपस मॆं ही हो ज्यादा से ज्यादा करोबार
ना जाये कोई अमेरिका खोजने रोजगार ,
हे महीपति , अरविन्द नीतीश चंद्राबाबू चौहान
रमन मनोहर जैसे सेनापति हों जिसके पास
कौन रोक सकेगा उसके घोड़े कॊ ?
यथाशीघ्र पांचजन्य शंखनाद करो ॥
हुई बातें बहुत , अब हुंकार भरो ,
विदेशों के दौरे अब समाप्त करो ॥
हे नरेंद्र , करो तुम एक अश्वमेध यज्ञ
अखण्ड भारत की कल्पना कॊ साकार करो !
दिनांक 7.10.2016 शुक्रवार
संदीप मुरारका
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