न हिंदू मसला , न मसला है मुसलमान
न भारत वैर चाहता , न ही पाकिस्तान ।
ये खेल है वोटों का दोनों ओर चल रहा
रोक लो , अब ये ज़हर नीला पड़ रहा ।
गाहे बेगाहे मिलते रहते , होती रहती अंजुमन
गले लगते अलीम* औ वजीर , मानो हो नदीम **
*विद्वान
** घनिष्ठ मित्र
अँग्रेजी मॆं दोनों के हुक्मरान , ढेरों बतियाते रहे
हम उर्दू कॊ , तुम हिन्दी कॊ बेवजह गरियाते रहे ।
सीमा पर मरे सैनिक , हम मोमबत्तियाँ जलाते रहे ,
उरि से बेखबर राज़दूत हमारे , पार्टियाँ मनाते रहे ।1
एक्सपोर्ट इंपोर्ट्स के नाम पर , बढ़ गया खूब व्यापार ,
मिल कर खेलेंगे ट्वेंटी ट्वेंटी , बुरा है सिर्फ कलाकार ।
बेचने वाले हम दर्द तेल , आज़ देश के ख़ास हितैषी हो चले ,
अमीर नहीं अमर के मित्र खड़े , अतुल्य भारत के झंडे तले ।
मिट्टी के दिये खरीदने को , प्रेरित करने वालों हे महान लोगों ,
माटी पे लगा दिया टेक्स*, घरों से घड़ा बाहर निकाल दिया ।
*माइनिंग रॉयल्टी
मुसलमानी जमीं के तेल के बिना गुजारा अपना चलना नहीं ,
हिंदू मसालों के बिना , बिरयानी मॆं उनके स्वाद पड़ना नहीं ।
आडवाणी ने जिन्ना के चरणों पे माथा यूँ ही नहीं टेका था ,
मरते दम तक , जिन्ना का दिल मुंबई मॆं ही क्यू अटका था ?
बाते हैं ढेर , हसन मंटो खुशवंत ने भी कुछ कुछ कुरेदा है ,
सम्भल जाओ , ना और देर करो , वक्त अब भी बाकी है ।
लड़े जिनके विरुद्ध इतना , उन अंग्रेजों को क्यू गले लगाते हो ,
भूल जाओगे फ़िर एकबार , काहे बलि का बकरा बनाते हो ?
करो नफरत कम अपनी ,बाहर लाओ अंदर की समझदारी ,
ना ये तेरे हैं , ना मेरे हैं , ये भूखे भेडिये हैं सत्ता के शिकारी ।
दिनांक 22.10.2016 शनिवार
संदीप मुरारका
1. दिनांक 19 सितम्बर 2016 कॊ
पाकिस्तान मॆं स्थित भारतीय दूतावास मॆं
जिम का उदघाटन गौतम बॉम्बेवाला , भारतीय राजदूत द्वारा किया गया.
आपको याद दिला दूँ कि उरी हमला दिनांक 18 सितम्बर 2016 कॊ हुआ था और उसके बाद विश्व के हर देश मॆं बैठा भारत का राजदूत कर क्या रहा था ? कोई जिम का उदघाटन तो दुबई के राजदूत वहाँ के राजकुमार के भारत दौरे की तैयारी तो USA के राजदूत अपने विदाई समारोह की पार्टी ? और हम क्या कर रहे थे गली गली मोमबत्ती जला रहे थे. क्या विश्व भर मॆं हर भारतीय दूतावास से उरि हमले के विरोध मॆं आंतकवाद के विरोध मॆं एक निंदा प्रस्ताव वहाँ की लोकल मीडीया को नहीँ जाना चाहिये था ?
http://www.india.org.pk/slide_archives.php
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