हम सभी के घरों के आस पास कोई ना कोई मन्दिर अवश्य हैं. लेकिन ज़रा विचार कीजिए कि
👉क्या आप उन सभी मन्दिरों मॆं गये हुए हैं ?
👉पिछली बार आप स्थानीय मंदिर कब गये थे ?
👉साल मॆं आप कितनी बार स्थानीय मंदिर जाते हैं ?
👉जब आप Local मंदिर जाते हैं , कितना चढावा या दक्षिणा चढाते हैं ?
👉बचपन से आज तक बड़े हो गये , कितनी बार आपने स्थानीय मंदिर मॆं धुलाई की या सफाई की ?
👉उस मंदिर के पुजारी कॊ जीमने का न्योता देने के अलावा साल भर उसे कितनी बार पूछा ?
मित्रों ये कुछ विचारणीय प्रश्न हैं ? थोड़ा अब घुम कर दूसरी ओर चलिये
👉रात्रि जागरण मॆं जाने वाला आपका सलाना चन्दा कितना है ?
👉 आपकॊ साल मॆं एक धार्मिक tour या धार्मिक आयोजन मॆं शामिल होने का अवसर मिलता होगा , उसका खर्च क्या है ?
👉किसी बाबा महात्मा गुरू के कार्यक्रम , कथा , प्रवचन मॆं चढाया जाने वाली राशी कितनी होती है ?
👉 किसी प्रचार मंच या सेवक संघ या जागरण संस्था कॊ कितना दान करते हैं ?
मित्रों मंदिर हमारी आस्था के केन्द्र है , हमारी संस्कृति की रीढ़ हैं , हमारे धर्म का आधार है परन्तु हम मन्दिरों से ही दूर होते जा रहे हैं.
धार्मिक आयोजन प्रचार का माध्यम हो सकता है आस्था का नहीँ
बात आगे बढ़ाने के पहले आयिये देखें कितने मंदिर हैं हमारे घर के आस पास. मैं उदाहरण के लिये जुगसलाई कॊ लेता हूँ -
चौक बाजार श्री सत्यनारायण मंदिर , ग्वाला पारा रोड श्री छोटा मंदिर, श्री गीन्नी बाई धर्म शाला मॆं मंदिर , श्री जिंदे बाबा मंदिर , गौरी शंकर रोड श्री हनुमान मंदिर , श्री काली मंदिर , श्री खड़गेश्वर धाम , महतो पारा श्री सात मंदिर , एम॰ ई स्कूल रोड श्री महकालेश्वर धाम , श्री राजस्थान शिव मंदिर , श्री महेश्वरी मण्डल , श्री सीतेश्वर महादेव , घाट पर बना नया मंदिर , श्री बाबा कुटी मेन रोड , रथ गली हनुमान जी , नया बाजार भौतिका जी के बायीं ओर शिव मंदिर , बजरंग वली मंदिर , मंटू अग्रवाल के घर के बगल शिव मंदिर , गौशाला प्रांगण मॆं बने कई मंदिर , जगन्नाथ प्रभु का मंदिर , बालमुकुंद गोयल जी के घर के समीप शिव मंदिर उसके सामने भगवान विश्वकर्मा मंदिर , रामटेकरी मंदिर , उसके दो कदम पर अग्रसेन भवन मॆं हनुमान जी , वहाँ से चार कदम पर बायीं हाथ आचार गली मॆं मंदिर , गर्ल्स स्कूल रोड श्री रानी सती दादी मंदिर , रामटेकरी रोड पुरुषोतम भवन मॆं शिव मंदिर , अनुपम के सामने बालाजी का मंदिर , रेलवे किनारे शनि मंदिर , गर्ल्स स्कूल और ब्रांच राम टेकरी कॊ मिलाने वाली गली मॆं कई शनि मंदिर , जैन मंदिर , बजरंग टेकरी मंदिर , तापडिया कम्पाउंड मॆं हनुमान जी का मंदिर , विमल जालान जी के घर के सामने गली मॆं मंदिर और भी कई मंदिर हैं
अब एक बार फ़िर सोचिये कि क्या आप इन सभी मंदिरों मॆं गये हैं ??
क्या इन मन्दिरों कॊ स्थानीय लोगों की सेवा की आवश्यकता नही है ??
सुबह शाम आरती करने वाले पुजारी का मासिक खर्च भी प्रतिदिन के चढावे से हो निकल पाता होगा ??
आयोजनों मॆं छ्प्पन भोग लगाने वालों ने कभी ये सोचा कि यहाँ भी प्रभु कॊ सादा भोजन ही करा दिया जाय ??
लाखों रुपये खर्च करके भजन का आयोजन करने वाले कभी स्थानीय मंदिर की आरती की व्यवस्था के लिये कुछ सोचो ??
बड़े बड़े पंडाल बना कर जागरण कराने वालों थोड़ा बहुत स्थानीय मन्दिरों मॆं Repearing या Colour भी कराने की सोचो ??
अपने प्रभु पर एक रात मॆं हजारों के फूलो का शृंगार कराने वाले भक्तों कभी स्थानीय मंदिर मॆं स्थापित भगवान लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा की पोशाक के विषय मॆं भी सोचो ??
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