Sunday, 2 October 2016

वक्त

आया है वक्त बुरा
आओ इसका स्वागत करें
रहेगा ये कुछ दिन ये साथ हमारे
आओ इसका स्वागत करें

कुछ तोहफ़े देकर जायगा
कुछ तोहफ़े लेकर जायगा
मौज मस्ती के वो पल छीन ले जायगा
इन्सान पहचानने की तरकीब दे जायगा

आया है वक्त बुरा
आओ इसका स्वागत करें

कि नादारी* में जीना सिखा जायगा
कुछ नये तजुर्बे नये अंदाज़ दे जायगा

*नादारी - गरीबी

आया है वक्त बुरा
आओ इसका स्वागत करें

कि ग़म इस बात का नहीँ
कि वक्त बेवक्त तुम आये
अफसोस इस बात का है
कि बता कर नही आये

तैयारी किसी और की कर रहा था
चला कोई और आया

कर रहा था इंतज़ार जिसका वो झूठा निकला
कहा था उसने जो जो.
मैं तैयारी कर बैठा वो वो

कहा था उसने मुझको
ये मत समझना कि केवल
भाग्य से मैं आता हूँ

पाँच चीज़े हो तुम्हारे पास
तो इंतज़ार मेरा करना
वरना ताक भी मत तकना

मैं भी जिद कर बैठा
किया योग्यता का प्रदर्शन
मेहनत पूरी दिखला दी
जूट गया मार्गदर्शीयों के साथ
समय का लाभ उठाने

ना जाने फ़िर कहाँ चूक बैठा ?
ग़म नहीँ कि वो नहीँ आया
ग़म इस बात का है
कि नहीँ आने का क्या कारण
ये बतलाने कॊ
उसका ख़त भी नही आया

कोई नही....

जो आया है
आओ उसका स्वागत करें

आया है वक्त बुरा
आओ इसका स्वागत करें

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