Wednesday, 5 October 2016

आओ उनकी जाति बाँटे

हिन्दु , काबा नहीँ जाया करते
मुस्लिम गँगा नहीं नहाया करते !

मराठी मानुष कॊ क्या लेना देना छठ से
सूरज उगे ना उगे , मुम्बई कॊ परवाह नहीं
क्योंकि गणपति पे उनका एकाधिकार  है.

बंगालियों ने देवी  दुर्गा का पेटेंट करवा रखा है
उड़िया भाषियों ने जग्गनाथ कॊ अपना रखा है.

तमिल कहते हैं तिरुपति अयप्पा उनके हैं
राजस्थानी सारे के सारे खाटू  श्याम के हैं.

आदिवासियों के भी हैं अपने अपने भगवान
यादव हुए कृष्ण और ब्रह्मण हो गये परशुराम.

ऐसा फँसे जातियों मॆं हम
ऐसा बँटे जात पात मॆं हम

कि खुद तो बँटे बँटे
उनको भी बाँट दिया.

सूरज बाँटा, चाँद तारे बाँट लिये
गाय बाँटी, सुअर बकरे बाँट लिये
नारियल बाँटा, खजूर भी बाँट दिये

धरती थी पहले से बंटी हुई
पानी बाँटने की तैयारी है ,
हवा तो अब खराब हो चली
आओ हम आसमान कॊ बाँटे ,,

और जो बचे  हैं साथ साथ
आओ उनको भी छांटे.
आओ उनकी जाति बाँटे !!

दिनांक 5.10.2016 बुधवार
संदीप मुरारका

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